Monday, December 3, 2007

सृजन शिल्पी (Srijan Shilpi, An Introduction)

यह वेबसाइट दुनिया भर में बसे सृजनशील एवं तकनीकी रूप से कुशल भारतीयों के लिए परस्पर संवाद और सहयोग का एक मंच है जो भारत को विकसित राष्ट्रों की अग्रिम पंक्ति में लाना चाहते हैं।

Shilpi

यदि आप किसी भी कला, शिल्प अथवा प्रौद्योगिकी में सृजनात्मक अभिरुचि रखने वाले तकनीकी रूप से कुशल व्यक्ति हैं और अपने भीतर समानता, स्वतंत्रता और मित्रवत सहयोग पर आधारित एक नई विश्व व्यवस्था के विकास के लिए प्रतिबद्धता तथा परस्पर संवाद और सहयोग की स्व-प्रेरणा और उत्साह का अनुभव करते हैं तो आपका हार्दिक स्वागत है।

सृजन शिल्पी भारत और हिन्दी के समग्र उत्थान के लिए समर्पित है। आप इस वेबसाइट पर व्यक्त विचारों एवं संवेदनाओं पर खुलकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कीजिए और अपने प्रखर एवं रचनात्मक विचारों से निरंतर अवगत कराते रहिए। सृजन शिल्पी आपको अपनी रचना, लेख आदि के प्रकाशन के लिए खुला मंच भी प्रदान करता है। यदि आप स्वयं लेखक अथवा प्रकाशक हैं तो पुस्तकों की समीक्षा, अनुवाद अथवा प्रचार के लिए भी हमसे संपर्क कर सकते हैं। राष्ट्रीय सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर किसी आयोजन के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति भी हमें प्रकाशनार्थ भेजी जा सकती है। (चिट्ठे पर जाने के लिये नीचे दिये गये चित्र को चटकायें)

This is one of the best Hindi websites that I have seen. The name means Master At Creation. The webmaster uses this pseudonym throughout the blog.

The blog is full of nationalistic articles. The Master is dedicated to the total uplift of Hindi and India, and he invites all types of cooperation from Indophiles. We stronlgy urge you to visit this excellent website. Do not forget to check for the all the tabs seen at the top of this blog as they will take you to important documentation and information. Click on the picture above to be taken to the website.

 

आपने चिट्ठे पर विदेशी हिन्दी पाठकों के अनवरत प्रवाह प्राप्त करने के लिये उसे आज ही हिन्दी चिट्ठों की अंग्रेजी दिग्दर्शिका चिट्ठालोक पर पंजीकृत करें. मेरे मुख्य चिट्टा सारथी एवं अन्य चिट्ठे तरंगें एवं इंडियन फोटोस पर भी पधारें. चिट्ठाजगत पर सम्बन्धित: विश्लेषण, आलोचना, सहीगलत, निरीक्षण, परीक्षण, सत्य-असत्य, विमर्श, हिन्दी, हिन्दुस्तान, भारत, शास्त्री, शास्त्री-फिलिप, सारथी, वीडियो, मुफ्त-वीडियो, ऑडियो, मुफ्त-आडियो, हिन्दी-पॉडकास्ट, पाडकास्ट, analysis, critique, assessment, evaluation, morality, right-wrong, ethics, hindi, india, free, hindi-video, hindi-audio, hindi-podcast, podcast, Shastri, Shastri-Philip, JC-Philip

Wednesday, November 28, 2007

हिन्दीभाषियों के लिये एक और सुविधा

जब कोई तंत्र यूनिकोड हिन्दी को पहचान नहीं पाता है तब आपको मिलता है ढेर सारा कचरा. उसका हल अभी तक सिर्फ एक औजार था, अब लीजिये एक नया और परिषकृत औजार बालेन्दु शर्मा दधीच की ओर से. बालेन्दु जी के योगदान हिन्दी जगत में सभी को ज्ञात है, एवं उम्मीद है वे इस तरह कई औजार हिन्दीजगत को भेंट करेंगे.

UnicodeTool

Online service for Hindi email users launched: Balendu Sharma Dadhich, New Delhi based editor of Hindi news portal www.prabhasakshi.com and an experienced developer of people oriented software and services, has launched a free service to convert Junked Hindi Unicode text generally received through emails, into properly readable text. Named as 'Online Junked-Unicode Sanitizer' (Vikrit-Unicode Sanshodhak in Hindi), the web based service is available on his personal homepage  www.balendu.com Indian language computer users are increasingly getting troubled due this tricky problem and have no solution in sight. People generally request the sender to re-send the email either in English or in Roman script. The new utility will help thousands of people who use Unicode Hindi in their emails.

Mr. Dadhich, who is also the developer of popular free Hindi word processor 'Madhyam' and web development solution 'WebSamarth', says, "Most people exchanging emails in non-English languages came across such distorted Unicode text, especially when they don't have support for the specific language available in their computer systems. Sometimes, even computers fully configured to support Unicode face this problem, probably due to a not-so-perfect implementation of UTF-8 encoding in the respective email servers. This utility enables one to make sense out of such distorted text."

More information and the service is available here: http://www.balendu.com/sanshodhak/

 

आपने चिट्ठे पर विदेशी हिन्दी पाठकों के अनवरत प्रवाह प्राप्त करने के लिये उसे आज ही हिन्दी चिट्ठों की अंग्रेजी दिग्दर्शिका चिट्ठालोक पर पंजीकृत करें. मेरे मुख्य चिट्टा सारथी एवं अन्य चिट्ठे तरंगें एवं इंडियन फोटोस पर भी पधारें. चिट्ठाजगत पर सम्बन्धित: विश्लेषण, आलोचना, सहीगलत, निरीक्षण, परीक्षण, सत्य-असत्य, विमर्श, हिन्दी, हिन्दुस्तान, भारत, शास्त्री, शास्त्री-फिलिप, सारथी, वीडियो, मुफ्त-वीडियो, ऑडियो, मुफ्त-आडियो, हिन्दी-पॉडकास्ट, पाडकास्ट, analysis, critique, assessment, evaluation, morality, right-wrong, ethics, hindi, india, free, hindi-video, hindi-audio, hindi-podcast, podcast, Shastri, Shastri-Philip, JC-Philip

Monday, November 19, 2007

बिना लाग लपेट के ? Without Anything Hidden ?

As I have been emphasising, Hindi blogs need to specialize. They also need to find niche markets where they remain unchallanged. Bina Laag Lapet Ke (Whithout Presumptions, or Without Hiding Anything) is such a website. Almost all articles are less than 200 words (most are less than 100) and mention niche subjects that nobody has thought about. A must-read for all, specially if you are short of time.

LaagaLapet

बिना लाग लपेट के तो ऋषिमुनि लोग भी कई बार बोल नहीं पाते हैं. लेकिन इस नाम के साथ हाल ही में अवतरित हुआ है एक चिट्ठा जो अकसर 100 शब्दों से कम में सब कुछ कह जाता है (और कई बार लोगों को लपेटे में ले लेता है).

विषयाधरित चिट्ठे, 200 शब्द से कम, एवं अन्य जिन बातों के बारे में मैं कुछ समय से लिखता आया हूं उन में से कई चीजें आप यहां देख सकते हैं. यदि आप दौडते दौडते भी पढना चाहते हैं तो इसे पढ सकते हैं. चिट्ठाकार अज्ञात है, लेकिन चिट्ठे ज्ञात एवं उपयोगी विषयों पर लिखे जा रहे हैं. यहां देखें:  बिना लाग लपेट

 

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Sunday, November 18, 2007

पर्यानाद और हम Ecology and Us

The Hindi blogosphere is very new, but in spite of that the second half of 2007 has witnessed the emergence of topic-based and specialized Hindi blogs. One of these is totally devoted to Ecology. Known as Paryanad, it presents the subjects in a very simple, illustrated, and persuasive manner. You must visit this blog.

 Ecology

2007 के उत्तरार्ध में हिन्दी में विषयाधारित चिट्ठों की संख्या बढने लगी है. अधिकतर चिट्ठों के लेख सीमित उपयोग के होते हैं एवं प्रकाशन के 7 दिन बाद शायद ही कोई उनको पूछता है. लेकिन  इन विषयाधारित चिट्ठों  के लेख सामयिक एवं कालजई होते हैं, एवं आज से पांच साल बाद भी आज लिखे गये लेखों को पाठक मिलते रहेंगे.

पर्यानाद पर्यावरण की समस्या एवं हल से संबंधित है. हम में से हर कोई इस क्षेत्र में बहुत कुछ कर सकता है अत: इस चिट्ठे को जरूर देखें.

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Saturday, November 10, 2007

आप ब्लॉग बनाए और बाकी हम पर छोड़ दें!!

आप ब्लॉग बनाए और बाकी हम पर छोड़ दें!! वाह क्या गजब का स्वागत है! आज ये वाक्य पढे "नारद" के नये अवतार पर. अवतरण अभी पूर्ण नहीं हुआ है, लेकिन लक्षण यह बताते हैं कि यह हिन्दीजाल के लिये एक उपयोगी पेशकश होगा.

The first Hindi blog agreegator Narad is now undergoing a complete rewrite. It has thus become more fast, more attractive, and more open. The present alpha version promises many mor facilities in the Beta and the final versions.

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नारद हिन्दी का पहला एग्रीगेटर है. इसकी तकनीकी खामियों को दूर करके एक स्वचलित एवं तीव्र एग्रीगेटर उतारने की तय्यारी चल रही है जो स्वागते काबिल है. अभी यह अल्फा (प्रकाशनवितरण पूर्व) सीढी पर है लेकिन आपको इसलिये दिख रहा है कि बिन दिखाये एग्रीगेटर में संशोधन करना आसान नहीं है.

002 इस नये अवतार में काफी बाते बदलते हुई आवश्यक्ताओं के अनुरूप है, जो तारीफे काबिल है. उदाहरण के लिये पंजीकरण की जरूरत नहीं है. लेकिन अब चिट्ठाकार का चित्र या प्रतीक शायद न दिखे जो एक खामी है.

003 एग्रीगेटर एवं लेखक के बीच जिम्मेदारी का मामला भी व्यक्त कर दिया गया है जो एक अच्छी बात है. अधिकतर पाठक इस गलतफहमी में रहते हैं कि एग्रीगेटर के संपादक हर चिट्ठे की सामग्री से सहमत हैं.

उम्मीद है कि बीटा एवं निर्णायक संस्करण जल्दी ही आ जायगा. एक "लघु" सुविधा एवं ग्रीनविच मीन टाईम के बदले भारतीय समय दिखाना उपयोगी होगा.

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Sunday, October 14, 2007

ब्लॉगवाणी अंग्रेजी Blogvani Also In Roman

हिन्दी चिट्ठों के अहिन्दी पाठकों के लिये रोमन लिपि एग्रीगेटर बढ रहे है. इस हफ्ते ब्लॉगवाणी ने भी यह सुविधा देनी शुरू कर दी है.

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A good number of readers for Hindi blogs come from the Non Hindi world -- from India as well as from abroad. With this in mind Sarathi has always targeted the non Hindi world in addition to the Hindi world.

Among the agreegators Chitthajagat introduced this facility some times back. Now users of Blogvani can also avail of this facility. Either the whole site can be shown in the Roman script,  or feed can be given out in Roman script using two different facilities.

You can see the newly introduced facility by visiting: Blogvani

 

 

 

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Wednesday, October 10, 2007

ब्लॉगवाणी Blogvani Hindi Agregator

हिन्दी के दो प्रमुख एग्रीगेटरों के बाद प्रस्तुत है तीसरा प्रमुख एग्रीगेटर.

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In recent articles we introduced Narad, the oldest Hindi agregator. We also introduced ChitthaJagat, the technically robust  and feature-rich  agregator. The third one is BlogVani  which can be interpreted to mean the Sound of Blogs, Voice of Blogs, etc.

While the first two are based upon PHP, this one is based upon ASP NET technology. Among the three BlogVani is the cutest and esthetically most pleasing. Anyone in a hurry would love this cute product with many features.

At present BlogVani registers blogs based upon criteria not made public. Thus the total number of Hindi blogs available is considerably less than the actual number of blogs. The order goes something like this: Blogvani (the smallest number of blogs), Narad (A larger number of blogs), Chitthajagat (the most comprehensive list of blogs).

You can visit BlogVani here: BlogVani

 

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Saturday, October 6, 2007

जोगलिखी JogLikhi of Sanjaya Patel

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ऐसे लोगों से संपर्क रखने में खा़सतौर पर मज़ा आता है जो मनुष्यता के तक़ाज़ों को तवज्जो देते हैं. अपने हुनर से किसी को मदद करने का जज़्बा रखते हैं. जो अपने को बताना नहीं चाहते और ख़ामोशी से अपना काम पसंद करना चाहते हैं बनावटी इंसानों से मिलना पसंद नहीं करता. प्रकृति, संगीत, साहित्य, कविता, भाषा और पुस्तकों का साथ बहुत सुहाता है. ज़िंदगी ने बहुत कुछ अनचाहा दिया है लेकिन उस सब के साथ रहने का आनंद लेता हूं. मां से बेबाकी, पिता से सहिष्णुता और पत्नी से हर हाल में खु़श रहने हुनर सीखा है. इस यर्थाथ को जान लिया है कि हर पल आख़री है...इसे पूरा जी लो.  दुनिया में ऐसे मनुष्य के रूप में याद किया जाना चाहूंगा जो अपने को भी झोंक कर दूसरों के लिये हमेशा कुछ करता ही रहा. यदि पुर्नजन्म होता है तो अगले जन्म में अंग्रेज़ी, उर्दू और भारतीय शास्त्रीय संगीत में पारंगत होना चाहूंगा. वर्तमान अटल है...जीवन को १०० % जियो...सुनो, गुनो फ़िर बोलो और लिखो.....अपेक्षा होने से ही सारी उलझनें हैं...कल किसने देखा है...आज को जी लो.

 

Sanjay Patel 1 

 

 

 
 
 
जोगलिखी संजय पटेल की: Indore, Madhya Pradesh, India. A proud Indian. A full time advertising professional. Does Anchoring and hosting for music show, talk shows. Writes regularly on various subject of his  interest. Manage events. Does a lot of social work for environment, patriotism and culturral heritage. Is a lover and promoter of Hindi.

See His Blog at:  जोग लिखी संजय पटेल की

 

 

 

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Friday, October 5, 2007

नुक्ताचीनी Nuktachini Hindi Blog

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The webmaster says: मैं हूँ देबाशीष चक्रवर्ती, पुणे का वासी हूँ, सॉफ्टवेयर बनाना आजीविका का साधन है और ये है नवंबर 2003 में प्रारंभ तकनलाजी, समाज व राजनीति पर नुक्ताचीनी करता हुआ मेरा हिन्दी ब्लॉग। पढ़ें और अपनी राय ज़रूर बतायें।

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Debashis' modest comments do not reveal him and his work. Actually he is one of the pioneers in Hindi blogging.

 

Blogging in Eastern languages has not been easy, but the boost came when a couple of visionaries decided to do something in Hindi. Debashish was one of them. [We will eventually feature all of them on this blog].

The blog featured here is Nuktachini and it is a popular Hindi word for criticism. This does not mean that the blog is full of gossip. On the contrary, it is loaded with useful articles and you would soon feel that the name ought to have been something different. You can go to the blog here:  Nuktachini

 

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Wednesday, October 3, 2007

विस्फोट Visfot Analytical Hindi Blog

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संजय तिवारी के दो पब्लिक डोमेन चिट्ठों में से एक है विस्फोट. पठन के लिये वे पसंद करते है: रामचरित मानस, श्रीमद्भगवतगीता,  योग वशिष्ठ, कर्म संन्यास, भारत की आत्मा, राग दरबारी, मुंशी प्रेमचंद, कबीर, एक वायलिन समंदर के किनारे, भक्ति योग सागर, path of fire and light,  A personal philosophy of life,  everybody loves a good drought.

 

 Sanjay Tiwari is based in New Delhi, India and works in the Media. Visfot, the name of his blog means Explosion (in Hindi). Exactly like the name, his is an explosive website with a lot of good and substantial analysis of the current Indian milieu.

The content and standard of his articles are so good that I frequently reuse his writings on my own flagship Sarathi. He is young, enthusiastic, and objective in his analysis. I urge everyone to read his website which you can reach here: Visfot

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Tuesday, October 2, 2007

शब्दों का सफर A Hindi Blog On Etymology

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अजित वडनेरकर: उत्पत्ति की तलाश में निकलें तो शब्दों का बहुत ही दिलचस्प सफर सामने आता है। लाखों सालों में जैसे इंसान ने अपनी शक्ल बदली, सभ्यता के विकास के बाद से शब्दों ने भी अपने व्यवहार बदले। एक भाषा का शब्द दूसरी में गया और अरसे बाद एक तीसरी ही शक्ल में प्रचलित हुआ। शब्दों के इस सफर में बेहद दिलचस्पी रखता हूं मैं। इस ब्लाग में मैंने हिन्दी में प्रचलित शब्दों के इसी सफर का लेखा-जोखा बनाने का प्रयास किया है।

एक निवेदन: किसी शब्द की व्युत्पत्ति को लेकर भाषा विज्ञानियों का नज़रिया भी अलग-अलग होता है। मैं न भाषा विज्ञानी हूं और न ही इस विषय का आधिकारिक विद्वान। अब तक जो कुछ इस विषय में पढ़ा-समझा-जाना उसे आसान भाषा में छोटे-छोटे आलेखों में बताने की कोशिश है मेरी। बीते कुछ वर्षों से यह काम चलता रहा है। अभी तो सफर शुरू ही किया है।

Some time ago the Hindi blogger Ajit Wadnerkar realized that many common expressions in Hindi have a history behind them. With that he became fascinated with the origin and derivation of such words and expressions. Soon he had a collection of resources into which he would delve for such discovery.

This in turn led to the desire to share his discoveries on Shabdon Ka Safar -- the pilgrimage of words or the journey of words. This website is not only an interesting read, but it can also be classified as a reference blog. You can see it here: शब्‍दों का सफ़र

 

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परिकल्पना Parikalpana Hindi Blog

परिकल्पना: हम हिंदी के माध्यम से सभी के लिए एक सुंदर और ख़ुशहाल सह- अस्तित्व की परिकल्पना को मुर्तरूप देना चाहते हैं......

चिट्ठाकार:  रवीन्द्र प्रभात,  आजकल भारत के हृदय प्रदेश की हृदय स्थली लखनऊ में रह रहा हूँ. विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ-साथ वर्ष-1991 में ''हमसफ़र'' (ग़ज़ल संग्रह), 1995 में समकालीन नेपाली साहित्य( संपादित), 1999 में '' मत रोना रमज़ानी चाचा" (ग़ज़ल संग्रह)


वर्ष 2002 में स्मृति शेष ( काव्य संग्रह) कथ्यरूप प्रकाशन इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित. अनियतकालीन '' उरविजा'' और '' फागुनाहट'' का संपादन. हिंदी मासिक '' संवाद'' तथा '' साहित्यांजलि'' का विशेष संपादन. द्वाकरा की टेली डक्यूमेंटरी फ़िल्म '' नया विहान'' के पटकथा लेखक. लगभग दो दर्ज़न सहयोगी संकालनों में रचनाएँ संकालित. दो उपन्यास क्रमश : '' प्रेम न हाट विक़ाए'' तथा '' समय का पहिया चले रे साथी'' प्रकाशानाधीन .

Parikalpana001

 

 

Ravindra Prabhat is a writer, connected with many periodicals. He is also involved in active writing in print media and his blog Parikalpana.

Once can discern a strong stream of nationalism, patriotism, and agony over the present situation in almost all his writings.

I am always inspired on writing his new entries. I urge you to visit this blog today itself. You can visit it here: Parikalpana

 

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Monday, October 1, 2007

वाह मीडिया! A Blog On Media And Blogs

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[हिन्दी चिट्ठाजगत एवं माध्यमों पर नजर रखने के लिये एवं मीडिया-विश्लेषण को समर्पित चिट्ठा]

Balendu Sharma Dadhich is one of the few Indians who have ever been awarded the Microsoft Most Valuable Professional award.  His Hindi blog Vah Media (Wow! Media!!) is representative of the Hindi blogosphere willingness  to analyze and criticize itself.

Vah002  

Balendu is one of the emerging men in the Hindi electronic media, and has made substantial contributions in many areas of media and media technology. A good example is Prabha Sakshi an amazingly exhaustive and attractive portal of Hindi news.

His balendu.com is another well laid out website, packed with news. His Hindi word-processor Madhyam (Medium, media) is reaching 50,000 downloads, and a Unicode version is on the horizon.

You can see his blog here: Wow! and from here you can go to all his websites, some of which will simply amaze you.

People from non Hindi region but who are interested in Hindi and Hindi world should keep an eye on all his websites.

(बालेन्दु शर्मा हिंदी पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम के समूह संपादक हैं और 'वाह मीडिया' (हिंदी) तथा 'localisationlabs' (अंग्रेजी) नामक ब्लॉग चलाते हैं)। email: balendu@gmail.com

 

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Sunday, September 30, 2007

"टिप्पणीकार" Blogging On Comments

Tippanikar002The Hindi blogosphere is very young, even in infancy, but the creativity of Hindi bloggers is amazing. For example, recently an unidentified Hindi blogger has started a blog known as Tippanikar (He Who Comments).

Right assuming that comments form an important part of the Hindi blogosphere, the author of this blog carefully combs through comments and picks up some of the most notable ones -- thoughtful ones, humorous ones, and even the nasty ones -- and offers very enlightening analysis. Surely, the Hindi blogosphere is going develop its own unique flavour soon.

You can see this blog Here

[सफल चिट्ठाकारी परंपरा] जब टिप्पणीकार नामक चिट्ठा अचानक हिन्दीजगत पर "उतरा" तो शायद किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. इसके दो कारण हैं. एक टिप्पणी के महत्व को अभी तक बहुत कम लोगों ने समझा है. दो, टिप्पणी जैसे तथाकथित गौण विषय पर एक "अनजान" व्यक्ति द्वारा चालू किये गये चिट्ठे को किसी ने अधिक महत्व नहीं दिया. लेकिन मेरी सोच इससे अलग थी.

मैं ने एक दम समझ लिया कि यह किसी बहुत ही अच्छी पकड वाले चिट्ठाकार की अनाम कृति है. दो, इनकी दो तीन प्रविष्ठियों को देखते ही मुझे लगा कि विषय पर इस चिट्ठाकार की असामान्य पकड है. अत: तुरंत ही सारथी पर टिप्पणी पर टिप्पणी-चिट्ठा ? नाम से एक सचित्र लेख मैं ने दिया था. दो हफ्ते में ही यह स्पष्ट हो गया कि यह चिट्ठा एक बौद्धिक स्तर पर चलाया जा रहा है. सटीक विश्लेषण, एवं सबसे महत्वपूर्ण टिप्पणियों को यह चिट्ठा पकड ही लेता है.

उस अनाम चिट्ठाकर को मेरा प्रणाम जिसने टिप्पणी जैसे तथाकथित गौण विषय से एक पूरी विधा का अविष्कार कर दिया. मेरा सुझाव है कि आप अनाम ही रहें, लेकिन अपने टिप्पणी-अवलोकन/अनुसंधान को जारी रखें. जो कुछ करना चाहता है उसके लिये अवसर ही अवसर है. आप उसके अच्छे उदाहरण है.

आपने चिट्ठे पर विदेशी हिन्दी पाठकों के अनवरत प्रवाह प्राप्त करने के लिये उसे आज ही हिन्दी चिट्ठों की अंग्रेजी दिग्दर्शिका चिट्ठालोक पर पंजीकृत करें. मेरे मुख्य चिट्टा सारथी एवं अन्य चिट्ठे तरंगें एवं इंडियन फोटोस पर भी पधारें

चिट्ठाजगत पर सम्बन्धित: विश्लेषण, आलोचना, सहीगलत, निरीक्षण, परीक्षण, सत्य-असत्य, विमर्श, हिन्दी, हिन्दुस्तान, भारत, शास्त्री, शास्त्री-फिलिप, सारथी, वीडियो, मुफ्त-वीडियो, ऑडियो, मुफ्त-आडियो, हिन्दी-पॉडकास्ट, पाडकास्ट, analysis, critique, assessment, evaluation, morality, right-wrong, ethics, hindi, india, free, hindi-video, hindi-audio, hindi-podcast, podcast, Shastri, Shastri-Philip, JC-Philip,

Saturday, September 29, 2007

नारद एग्रीगेटर Narad Hindi Aggregator

Narad001 [हिन्दी चिट्ठाजगत आज जो है उस के लिये बहुत अधिक श्रेय जाता है नारद को]

Narad is the messenger in Hindu pantheon. The same name has been adopted by the first Hindi blogs aggregator. Based upon the WordPress engine, and modified by skilled Indian programmers, this aggregator played a historical role in developing a Hindi blogger community.

Though the engine shows signs of age, it continues to list all major Hindi blogs and every post in them becomes available about 30 minutes after they are posted on the respective blogs. In addition to being an aggregator, the Narad cluster of domains offers several other very useful resources and tools for Hindi bloggers.  You can see this aggregator here: Narad

[If you this blog, then you should see my flagship Hindi blog Sarathi. Other blogs maintained by me are Tarangen and Indian Photos]

Friday, September 28, 2007

ममता टीवी Mamata TV's Blog

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी 

Mamta001 [हिन्दी मे मुक्त प्रतिलिप अधिकार देने वाले चंद चिट्ठों में एक]

The idea of Public Domain and Creative Commons is picking up in Hindi Blogosphere. This good for a society that has long had protectionist tendencies.  Once writings are given in Creative Commons, it liberates people to use these works without legal threat.

Mamta is a Homemaker, writes on numerous subjects with flair, and liberally illustrates her writings with photographs. You can see her blog here: Mamta TV

[If you this blog, then you should see my flagship Hindi blog Sarathi. Other blogs maintained by me are Tarangen and Indian Photos]

उन्मुक्त Unmukt: A Pioneer In Hindi

Unmukt001 [जहां तक मेरी जानकारी है, हिन्दी में अपने लेखों को पब्लिक डोमेन में देने वाले पहले चिट्ठाकार उन्मुक्त हैं]

Public Domain and Creative Commons are basically ideas from the West. However, it is spreading slowly but steadily into the East -- though we the people of East are basically very protectionist.

Unmukt (A man of free and liberal thoughts) refuses to identify himself, but is an extremely knowledgeable person -- when one assesses him by his works. Many of his article, but not all, are related to the way as the Indian Laws affect common people. He has left all his works into the public domain. You can visit him here: Unmukt 

[If you this blog, then you should see my flagship Hindi blog Sarathi. Other blogs maintained by me are Tarangen and Indian Photos]

चिट्ठाजगत ChitthaJagat Hindi Aggregator

CJ28Sep07

[चिट्ठाकारी चालू हुई अंग्रेजी से, लेकिन अब यह कई भाषाओं में पहुंच गई है. प्रस्तुत है हिन्दी का एक एग्रीगेटर-परिचय]

Though Blogs started only in English world, the addition of Unicode non English fonts in the latest versions of the Windows operating system has brought a flood of blogging in Non English languages. Hindi is one of the fastest growing languages in Blogsphere.

There are three major aggregators in Hindi. Narad is the oldest one and the father of Hindi blogging revolution. The latest one is Blogvani.  Technologically the strongest player is ChitthaJagat and the name is the Hindi equivalent of Blogsphere.

The process of registration is almost fully automated, and it takes very little time to get on to this aggregator and being seen by the world. In fact the engine starts the process of aggregation as soon as it gets the URL of a new Hindi blog. The author can claim it soon after that. As I write, it represents about 1100 Hindi blogs.

सारथी हिन्दी चिट्ठा

(सारथी हिन्दी चिट्ठा मुश्किल से पांच महीना पुराना है, लेकिन इतने समय में यह बहुत प्रसिद्ध हो गया है)

The Hindi Blogsphere is blessed with over 1000 blogs today (2007), and is growing at an exponential rate. By 2010 the number would stand around 50,000. All specializations are gradually being covered, and we will introduce the good blogs to you one by one.

Of these, Sarathi is my own flagship Hindi blog. It started functioning in April, and in less than 6 months it gets more than 100,000 hits and close to 40,000 page-reads every month. The word Sarathi literally means "the person who pilots a chariot". In Hindi it also has many symbolic meanings and overall it represents a person who leads one from darkness to light, from ignorance to knowledge, and from falsehood to truth.

Sarathi usually publishes 3 articles a day, one by me and two are selected from the Hindi Blogsphere. Kindly visit Sarathi today itself.

हिन्दी ब्लॉगस्फियर क्यों Why A Blog Like This ?

(हिन्दुस्तान में अंग्रेजी जानने वालों की कमी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद गैरहिन्दुस्तानियों को हिन्दी सीखने का श्रम जरूर करना चाहिये).

 Shastri JC Philip_Stamp Hindi is gradually becoming the most important language for education, commerce, and international relations. Indians ignore it at their peril. Non Indians ignore it at a greater peril because if they really want to have any kind of serious transaction with Indians (economic, cultural, social), they should speak the language dear to the heart of the majority of Indians.

Imagine trying to use Hindi in USA, China, or Japan. It would be foolish. In the same way, trying to use English alone to relate with Indians would be foolish for any non Indian nation.

One of the best ways to get the pulse of the Hindi world is the Hindi blogsphere. At present it is represented by slightly more than 1000 blogs, but by 2010 it would surely surpass 50,000 Hindi blogs on all subjects conceivable -- and inconceivable. Hindi Blogsphere aims to introduce and initiate non Hindi people to the world of Hindi Blogsphere. Do not forget to bookmark this blog, lest you miss an important tool in your hand -- Shastri JC Philip